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प्रभु का अटल प्रेम

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भजन संहिता 103:17,18 परन्तु यहोवा की करूणा उसके डरवैयों पर युग युग, और उसका धर्म उनके नाती- पोतों पर भी प्रगट होता रहता है, अर्थात उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते और उसके उपदेशों को स्मरण करके उन पर चलते हैं॥

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प्रभु का अटल प्रेम


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परमेश्वर के लोगों के बीच एक महामारी फैल रही है, और यह न केवल प्रकट हो रही है, पर यह परमेश्वर के भवन के माध्यम से जंगल की आग की तरह फैल रही है, और यह अनगिनत आत्माओं को नष्ट कर रही है। यह उसके भवन पर एक विपत्ति है, लेकिन इससे आप और मैं आसानी से निपट सकते हैं।

हममें से जो खुद को मसीही कहते हैं, वे इस तरह के गीत गाना पसंद करते हैं”प्रभु का अटल प्रेम कभी समाप्त नहीं होता, उनकी दया कभी समाप्त नहीं होती”  । और यह बहुत अच्छा है, लेकिन यह कल्पना करना कि हम अपनी पसंद के अनुसार कुछ भी सोच सकते हैं, कह सकते हैं या कर सकते हैं, और इसका कोई परिणाम नहीं होगा। प्रभु का अटल प्रेम इसके बावजूद भी हमारे जीवन में प्रवाहित होगा।

परन्तु परमेश्वर का वचन ऐसा नहीं कहता । जरा सुनिए:

भजन संहिता 103:17,18 परन्तु यहोवा की करूणा उसके डरवैयों पर युग युग, और उसका धर्म उनके नाती- पोतों पर भी प्रगट होता रहता है,अर्थात उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते और उसके उपदेशों को स्मरण करके उन पर चलते हैं॥

प्रश्न :यहोवा की करूणा किस पर युगानुयुग की है? उत्तर: उन लोगों के लिए जो उससे डरते हैं, जो उसका सम्मान करते हैं, जो उसकी आज्ञाओं को मानते हैं। उन लोगों के लिए जो पश्चाताप करते हैं, जो अपने दुष्ट मार्गों से फिरते हैं और अकेले उसकी और उस ही की सेवा करते हैं। और इस का दूसरा पहलू यह है कि यदि आप उन लोगों में से नहीं हैं, तो यह आपके लिए नहीं है।

यह एक कठोर चेतावनी है, लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण – यदि प्रभु के साथ आपकी यात्रा एक अच्छी छोटी उद्धार प्रार्थना के साथ शुरू हुआ, तो यह बिल्कुल ठीक है। लेकिन वह सिर्फ शुरुआती लाइन थी। बाकी जीवेन की दौड़ अभी बाकी है। और उस दौड़ में पश्चाताप शामिल है, इसमें परमेश्वर का भय मानना और उसका सम्मान करना शामिल है, इसमें उसे अपने जीवन में सबसे पहले और बाकी सब चीजों से ऊपर रखना शामिल है। यह याद रखें

यहोवा की करूणा उसके डरवैयों पर युगानुयुग की है।

यह उसका ताज़ा वचन है। आज आपके लिए…।