बैतलहम क्यों
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फिलिप्पियों 2:7,8 वरन् अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्वरूप धारण किया,और मनुष्य की समानता में हो गया। 8और मनुष्य के रूप में प्रगट होकर अपने आप को दीन किया, और यहाँ तक आज्ञाकारी रहा कि मृत्यु, हाँ, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।
अक्सर जो कुछ परमेश्वर करता है, वह हमारी समझ से बाहर होता है। अक्सर वह हमें सोचने के लिए छोड़ देता है … की आखिर उसने ऐसा क्यों किया? अब येशु के बेतलहम में जन्म लेने की बात को ही ले लें। तो, परमेश्वर ने ऐसा क्यों किया?
अभी एक दिन मैं बेथलेहम की एक ताज़ा तस्वीर देख रहा था। ढेर सारी इमारतों के साथ कुछ सूखी-सी दिखने वाली पहाड़ियों के बीच बसा एक शहर। ढलता हुआ सूरज ….. एक अच्छी तस्वीर थी॰
फिर मैं सोचने लगा कि, “परमेशवेर ने दो हज़ार साल पहले का समय और अपने पुत्र यीशु के जन्म स्थान के लिए बेथलेहम को ही क्यों चुना?” मेरा मतलब है, 21 वीं सदी में न्यूयॉर्क, पेरिस, लंदन, टोक्यो या बेजिंग को क्यों नहीं? “
आज के युग में यीशु के जन्म के समाचार के लिए परमेशवेर टेलीविजन, इंटरनेट, सोशल मीडिया, मोबाइल फोन और इस तरह की चीजों का प्रयोग कर सकते थे।। वह इस डिजिटल दुनिया में एक अच्छे marketing campaign के द्वारा संसार भर में अरबों लोगों तक पहुंच सकता थे।
लेकिन परमेशवेर क्यूंकी परमेश्वर हैं उन्होने इसमे से कुछ भी नहीं चुना गया है। उन्होंने बेथलेहम को चुना। एक छोटे से गांव में, एक बदबूदार पुराने गौशाले में, दो हजार साल पहले एक छोटा बच्चा चुपचाप इस दुनिया में आया ।
और उस विनम्र शुरुआत से, इस यीशु ने दुनिया में तहलका मचा दिया।
तो परमेश्वर ने बेथलेहम को क्यों चुना? वह गौशाला क्यों? वह समय क्यों? वह अपने बारे में हमसे क्या कहना चाह रहा था कि वह कौन है? आप क्या सोचते हैं?
फिलिप्पियों 2: 7,8 वरन् अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्वरूप धारण किया, और मनुष्य की समानता में हो गया। और मनुष्य के रूप में प्रगट होकर अपने आप को दीन किया, और यहाँ तक आज्ञाकारी रहा कि मृत्यु, हाँ, क्रूस की मृत्यु भी सह ली।