महिमा, महिमा, महिमा।
We're glad you like it!
Enjoying the content? You can save this to your favorites by logging in to your account.
लूका 9:28-32 इन बातों के कोई आठ दिन बाद वह पतरस और यूहन्ना और याकूब को साथ लेकर प्रार्थना करने के लिये पहाड़ पर गया। जब वह प्रार्थना कर ही रहा था, तो उसके चेहरे का रूप बदल गया: और उसका वस्त्र श्वेत होकर चमकने लगा। और देखो, मूसा और एलिय्याह, ये दो पुरूष उसके साथ बातें कर रहे थे। ये महिमा सहित दिखाई दिए; और उसके मरने की चर्चा कर रहे थे, जो यरूशलेम में होनेवाला था। पतरस और उसके साथी नींद से भरे थे, और जब अच्छी तरह सचेत हुए, तो उस की महिमा; और उन दो पुरूषों को, जो उसके साथ खड़े थे, देखा।
क्या आपको कभी यह एहसास होता है कि, मसीही होने के लिए कुछ और भी होना ज़रूरी है? यीशु के साथ आपका जीवन ठीक चल रहा है, जैसे की चलना चाहिए। लेकिन आपको लगता है की निश्चित रूप से कुछ और भी आपका इंतजार कर रहा है जिसे आप देख नहीं पा रहे।
जब मैं “महिमा” शब्द का प्रयोग करता हूं, तो आपके दिमाग में कौन सी तस्वीर आती है? ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाला एथलीट? एक सैनिक जिसने अपनी जान जोखिम में डालकर युद्ध जीता ? आप “महिमा” को किस रूप में देखते है?
लूका 9:28-32 इन बातों के कोई आठ दिन बाद वह पतरस और यूहन्ना और याकूब को साथ लेकर प्रार्थना करने के लिये पहाड़ पर गया। जब वह प्रार्थना कर ही रहा था, तो उसके चेहरे का रूप बदल गया: और उसका वस्त्र श्वेत होकर चमकने लगा। और देखो, मूसा और एलिय्याह, ये दो पुरूष उसके साथ बातें कर रहे थे। ये महिमा सहित दिखाई दिए; और उसके मरने की चर्चा कर रहे थे, जो यरूशलेम में होनेवाला था। पतरस और उसके साथी नींद से भरे थे, और जब अच्छी तरह सचेत हुए, तो उस की महिमा; और उन दो पुरूषों को, जो उसके साथ खड़े थे, देखा।
जी हाँ, यह “महिमा” की एक बहुत ही अच्छी तस्वीर है। यीशु के कपड़े चमकदार सफेद हो गए, उसका चेहरा चमक उठा, वह महिमा के इस बादल से घिर गया। अगर आप या मैं वहाँ होते तो यह द्र्श्ये देख कर हमारे होश उड़ जाते । निश्चित रूप से पतरस , याक़ूब और यूहना के साथ यही हुआ होगा।
हम यीशु के बारे में अच्छी अच्छी कहानियाँ सुन सकते हैं, उसके सामने अच्छी अच्छी प्रार्थना कर सकते हैं, उसकी आराधना में अच्छे गीत गा सकते हैं, लेकिन अगर हमारा सामना परमेशवेर की इस महिमा से हो जाए तो हमारा जीवन कितना बादल जाएगा? अगर परमेशवेर की महिमा से हमारे दिल आश्चर्य और विस्मय में डूब जाए तो ? क्या यही परमेशवेर की सच्ची आराधना नहीं है।
हमारी संकीर्णता, केवल स्वयं के बारे सोचने का स्वार्थी स्वभाव, हमारा छोटापन, ये सब चीजे एक पल में दूर हो जाएंगी। और इन सब की जगह ले लेगा वह जीवन जिसे जीने के लिए परमेश्वर ने हमें बनाया है। परमेश्वर की महिमा करने वाला जीवन !
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज … आपके लिए …।