विश्वास कि परीक्षा
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मरकुस 7:27-29 उस ने उस से कहा, पहिले लड़कों को तृप्त होने दे, क्योंकि लड़कों की रोटी लेकर कुत्तों के आगे डालना उचित नहीं है। उस ने उस को उत्तर दिया; कि सच है प्रभु; तौ भी कुत्ते भी तो मेज के नीचे बालकों की रोटी का चूर चार खा लेते हैं। उस ने उस से कहा; इस बात के कारण चली जा; दुष्टात्मा तेरी बेटी में से निकल गई है।
यदि केवल परमेश्वर हमारे जीवन में चीजों को आसान बनाता । यदि केवल उसने हमारी मदद कि होती जब हमें मदद की आवश्यकता होती और हम कहते हमारी मदद करो। यदि केवल ।खैर … क्या आपने कभी अपने को परमेश्वर के साथ ‘यदि केवल’ का खेल करते हुए पाया है?
यीशु ने कुछ सही मायने में अपमानजनक बातें कही हैं । वह बातें जो हमारी संवेदनाओं को ठेस पहुंचाती हैं। जैसे उसने एक महिला को कुत्ता कहा, सिर्फ इसलिए कि वह यहूदी नहीं थी:
मरकुस 7:27-29 उस ने उस से कहा, पहिले लड़कों को तृप्त होने दे, क्योंकि लड़कों की रोटी लेकर कुत्तों के आगे डालना उचित नहीं है। उस ने उस को उत्तर दिया; कि सच है प्रभु; तौ भी कुत्ते भी तो मेज के नीचे बालकों की रोटी का चूर चार खा लेते हैं। उस ने उस से कहा; इस बात के कारण चली जा; दुष्टात्मा तेरी बेटी में से निकल गई है।
सबसे पहले, यह अपमानजनक लगता है। लेकिन वह उसके विश्वास का परीक्षण करने के लिए यहूदियों और अन्यजातियों के बीच होने वाली सांस्कृतिक कट्टरता को देख रहा था। और जिस पल उसने अपने विश्वास को दिखाया, उसने उसकी बेटी को दुष्ट आत्मा से आज़ाद कर दिया।
मेरे अनुभव में, हर बार जब परमेश्वर ने मेरे विश्वास का परीक्षण किया , और मुझे शिकंजे में जकड़ दिया तो मेरे हिसाब से यह बड़ा अन्याय लगा , लेकिन इसके द्वारा वह मेरा विश्वास बढ़ा रहा था ताकि वह मुझे, या दूसरों को मेरे माध्यम से, या वास्तव में दोनों को आशीष दे सके।
जब परमेश्वर आपके विश्वास का परीक्षण करता है तो घबराईए मत क्योंकि वह आपको आशीष देन चाहता है यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज आपके लिए।