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परमेश्वर का विश्वासयोग्य प्रेम

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भजन संहिता 94:16-19 कुकर्मियों के विरुद्ध मेरी ओर कौन खड़ा होगा? मेरी ओर से अनर्थकारियों का कौन सामना करेगा? 17यदि यहोवा मेरा सहायक न होता, तो क्षण भर में मुझे चुपचाप होकर रहना पड़ता। 18जब मैं ने कहा, “मेरा पाँव फिसलने लगा है,” तब हे यहोवा, तेरी करुणा ने मुझे थाम लिया। 19जब मेरे मन में बहुत सी चिन्ताएँ होती हैं, तब हे यहोवा, तेरी दी हुई शान्ति से मुझ को सुख होता है।

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परमेश्वर का विश्वासयोग्य प्रेम


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तो हम किस बिंदु पर इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि सब कुछ हम पर निर्भर है? कि उस संकरे, अक्सर कठिन मार्ग पर यीशु के पीछे चलना पूरी तरह से हमारी जिम्मेदारी है। कि अगर हम गिरे तो गिरे; और अगर हम डरते हैं, तो हम बिल्कुल अकेले हैं। जी हाँ किस जगह पर?

आज्ञाकारिता और कानून कायदों के बीच एक पतली रेखा है। हर काम में परमेश्वर का सम्मान करने वाले दिल और इस मूर्खतापूर्ण विचार कि ऐसा जीवन जीने में, हम बिल्कुल अकेले हैं। ओह, मुझ से गलती हो गई, अब परमेश्वर मुझसे नाराज हों जाएंगे! या मैं आज दुखी महसूस कर रहा हूँ। परमेश्वर मुझसे निराश हो जाएंगे।

ये भावनाए बेशक स्वाभाविक हैं, लेकिन ये पूरी तरह से गलत हैं। इस तरह से सोचना पागलपन है, और जब हम ऐसा करते हैं, तो हम निश्चित ये भूल जाते हैं कि वास्तव में परमेश्वर कौन है।

यहाँ भजन संहिता लिखने वाले के चिंतन को सुनें, जब वह अपने जीवन में आए बड़े संकट के दिनों के बारे में सोचता है:

भजनसंहिता 94:16-19
कुकर्मियों के विरुद्ध मेरी ओर
कौन खड़ा होगा?
मेरी ओर से अनर्थकारियों का कौन
सामना करेगा?
17यदि यहोवा मेरा सहायक न होता,
तो क्षण भर में मुझे चुपचाप होकर
रहना पड़ता।
18जब मैं ने कहा, “मेरा पाँव फिसलने
लगा है,”
तब हे यहोवा, तेरी करुणा ने मुझे थाम लिया।
19जब मेरे मन में बहुत सी चिन्ताएँ होती हैं,
तब हे यहोवा, तेरी दी हुई शान्ति से
मुझ को सुख होता है।

यह सच है। यही हकीकत है। मेरी बात पर ध्यान दें। हमारे जीवन में ऐसी परिस्थितियाँ, ऐसा समय आने वाले हैं जब कोई और हमारी मदद के लिए नहीं आएगा। जब कोई और हमारे साथ खड़ा नहीं होगा।

तो जब आप गिर रहे हों, तो यह जान लें कि परमेश्वर का विश्वसनीय प्रेम आपके साथ है जो आपको संभाल लेगा।  जब आप डरते और परेशान होते हैं, तो वह आपको आराम देने के लिए वहाँ होगा। यही परमेश्वर का प्रेम है। आप अकेले नहीं है। और यही सच है।

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…।